जानिए Sanskriti IAS कोचिंग सेंटर के बारे में जो हिंदी माध्यम में UPSC की बेहतरीन कोचिंग दे रहा है

Sanskriti IAS

Sanskriti IAS कोचिंग सेंटर के संस्थापक अखिल मूर्ति ने हाल ही में बिहार की प्रसिद्ध गायिका नेहा सिंह राठौड़ को एक यूट्यूब के जरिए एक इंटरव्यू दिया है। जिसके बाद अखिल मूर्ति एवं उनका संस्कृति आईएएस चर्चा का विषय बन गए हैं।

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इन दिनों दिल्ली एवं प्रयागराज स्थित UPSC कोचिंग सेंटर Sanskriti IAS चर्चा का विषय बना हुआ है क्योंकि हाल ही में भोजपुरी लोकगायिका और “का-बा गर्ल” के नाम से मशहूर नेहा सिंह राठौड़ को YouTube के जरिए संस्कृति IAS के संस्थापक एवं जाने-माने UPSC कोचिंग एक्सपर्ट अखिल मूर्ति के साथ एक इंटरव्यू दिया है। जिसके बाद से ही UPSC की तैयारी करने वाले छात्रों में सनसनी बने हुए है जिसका कारण है उनके अपने पूर्व संसथान दृष्टि आईएएस पर किए गए कुछ खुलासे। इंटरव्यू में अखिल मूर्ति का साफ़ कहना था कि कैसे दिल्ली के बड़े UPSC संस्थान उन लाखों युवाओं का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं जो गांव देहात से अपने आईएएस बनने का सपना लिए दिल्ली आते हैं कि वे किसी मशहूर शिक्षक से शिक्षा ग्रहण करेंगे जो कि सोशल मीडिया पर बेहद प्रसिद्ध हैं। लेकिन यहां आकर उन्हें धोखा मिलता है और वे उन बड़े शिक्षकों से बातचीत तक से वंचित रह जाते हैं।

अखिल मूर्ति के इस खुलासे के बाद से ही सोशल मीडिया पर मिली जुली प्रतिक्रिया आ रही है। लाखों छात्र कह रहे हैं कि उनकी बात में दम हैं क्योंकि शहर कि भीड़ में बड़े संस्थान देहात से आने वाले छात्रों से लाखों रुपए तो लेते हैं लेकिन उनपर उतना ध्यान नहीं देते हैं।

बता दें अखिल मूर्ति का ये इंटरव्यू बिहार कि लोकगायिका और अपने निडर सवभाव के चलते मशहूर नेहा सिंह राठौड़ ने लिया क्योंकि उनके पति भी दिल्ली के ऐसे ही इंस्टिट्यूट में स्वयं ये सब होते देख कर छात्रों के भविष्य को लेकर चिंतित थे। इंटरव्यू में नेहा ने विशेष रूप से संस्कृति IAS कोचिंग सेंटर पर ध्यान दिया जिसके अशिकतर शिक्षक नामी upsc कोचिंग सेंटर दृष्टि आईएएस से अलग हुए हैं। संस्कृति आईएएस पर आयोजित इस इंटरव्यू में नेहा सिंह राठौड़ ने नामी UPSC संस्थानों द्वारा चुनिंदा शिक्षकों के नाम पर विद्यार्थियों से वसूले जा रहे लाखों पैसों पर कोचिंग व्यवस्था की पोल खोल कर दी है।

क्या है Sanskriti IAS?

गौरतलब हैं कि संस्कृति IAS की स्थापना अखिल मूर्ति ने की है जो पहले दिल्ली के दृष्टि आईएएस का हिस्सा थे। नेहा सिंह के साथ हुए इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि उनका दृष्टि आईएएस से अलग होने के पीछे का मूल कारण कि वे छात्रों के साथ धोखा नहीं करना चाहते थे। उनका कहना हैं कि बड़े संस्थानों में छात्र सोशल मीडिया पर प्रसिद्द शिक्षकों से शिक्षा ग्रहण करने आते हैं लेकिन यहां आकर उन्हें दूसरे शिक्षक पढ़ा रहे होते हैं और जिन शिक्षकों से जुड़ना चाहते हैं उनसे उनकी बातचीत तक नहीं हो पाती है। अखिल मूर्ति का कहना है कि संस्कृति आईएएस की स्थापना का मूल उद्देश्य यही है। वे संस्कृति के जरिए सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को एक बेहतर परिवेश देना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि उनसे जुड़ने वाले UPSC की सेवाओं की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों को वे अपने कक्षा कार्यक्रम, अध्ययन-सामग्री और जाँच परीक्षाओं के माध्यम से परीक्षा के लिये सर्वश्रेष्ठ रूप से तैयार कर सकें। ताकि समर्पित भाव से तैयारी करने वाले ये छात्र सिविल सेवक बनने के अपने सपने को साकार कर सके।

उनका ये भी कहना है उनके इंस्टिट्यूट में एक-डेढ़ दशक से सिविल सेवा अभ्यर्थियों का मार्गदर्शन कर रहे शिक्षक हैं जो अपने-अपने विषय में अव्वल हैं।

संस्कृति IAS की ख़ासियत क्या है?

दरअसल संस्कृति आईएएस चर्चा में इसलिए है क्योंकि यहां वे तमाम शिक्षक मौजूद हैं जो पहले दृष्टि आईएएस में काम करते थे। इन शिक्षकों के पास अपने -अपने विषय में अनुभव है। संस्कृति के विद्यार्थियों का कहना है कि यहां के तमाम शिक्षक अपने कक्षा में विद्यार्थियों के साथ बातचीत करते हुए विस्तार से हर विषय को समझाते हैं और सभी संदेह दूर करते हैं। इसके अलावा वे बताते हैं कि संस्थान में प्रोजेक्टर जैसे आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है जिनके माध्यम से शिक्षक हर विषय से सम्बंधित वीडियो, स्लाइड्स तथा फिल्मों को दिखाकर विद्यार्थियों को सही घटनाओं, अवधारणाओं और सिद्धांतों को व्यावहारिक रूप से समझाते हैं।

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